गुरुवार, 25 सितंबर 2025

श्री हनुमान चालीसा | Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

 

श्री हनुमान चालीसा | Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर

जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।राम दूत अतुलित बल धामा।

अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी।

कुमति निवार सुमति के संगी।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा।

कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे।

कांधे मूंज जनेउ साजे।।

शंकर सुवन केसरी नंदन।

तेज प्रताप महा जग वंदन।।

बिद्यावान गुनी अति चातुर।

राम काज करिबे को आतुर।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।

राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।

बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

भीम रूप धरि असुर संहारे।

रामचन्द्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये।

श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।

तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।

अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।

नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।

कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

 तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।

राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।

लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

जुग सहस्र जोजन पर भानु।

लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।

जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।

होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।

तुम रच्छक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।

तीनों लोक हांक तें कांपै।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।

महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरे सब पीरा।

जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा।

तिन के काज सकल तुम साजा।।

और मनोरथ जो कोई लावै।

सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा।

है परसिद्ध जगत उजियारा।।

साधु संत के तुम रखवारे।।

असुर निकन्दन राम दुलारे।।

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता।

अस बर दीन जानकी माता।।

राम रसायन तुम्हरे पासा।

सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुह्मरे भजन राम को पावै।

जनम जनम के दुख बिसरावै।।

अंत काल रघुबर पुर जाई।

जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।

हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

सङ्कट कटै मिटै सब पीरा।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जय जय जय हनुमान गोसाईं।

कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।

छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।

होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।

कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।


🌸 हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम – Hanuman Chalisa Padhne ke Niyam

Hanuman Chalisa padhne ke niyam बहुत simple hain:

  • स्नान कर स्वच्छ होकर बैठें।

  • दीपक जलाकर राम-हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने पाठ करें।

  • मंगलवार और शनिवार को Hanuman Chalisa ka paath karna सबसे शुभ माना जाता है।

  • श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें, केवल mechanical तरीके से नहीं।


🌟 मंगलवार को हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे – Hanuman Chalisa on Tuesday

  • मंगलवार (Tuesday) को हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।

  • इस दिन Hanuman Chalisa ka paath करने से सभी संकट और कष्ट दूर होते हैं

  • नौकरी, court cases, business troubles se मुक्ति मिलती hai।


🌟 शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे – Hanuman Chalisa on Saturday

  • Saturday (शनिवार) को Hanuman ji ke साथ साथ Shani dev ko भी प्रसन्न किया जाता है।

  • Hanuman Chalisa ka paath करने से शनि दोष (Shani Dosh) और कुंडली के ग्रहदोष शांत होते हैं।

  • जीवन में स्थिरता और मन की शांति आती है।


🌺 5 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे – Hanuman Chalisa 5 times benefits

  • 5 बार Hanuman Chalisa padhne ke fayde:

    • भय और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।

    • आत्मविश्वास और courage बढ़ता है।

    • घर में positivity आती है।


🌺 7 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे – Hanuman Chalisa 7 times benefits

  • 7 times Hanuman Chalisa recitation से:

    • chronic रोगों से मुक्ति milti hai।

    • health बेहतर hoti hai।

    • मानसिक शांति और devotion बढ़ता hai।


🌟 रोज़ हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका – Daily Recitation Method

  • रोज़ाना Hanuman Chalisa padhna सबसे powerful माना गया है।

  • सुबह या शाम को नियमित पाठ करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं

  • धीरे-धीरे पढ़ें और हर चौपाई ka meaning samajhne की कोशिश करें।


🌟 हनुमान चालीसा संकट मोचन – Hanuman Chalisa Sankat Mochan

Hanuman Chalisa को संकट मोचन कहा गया है।

  • इसका पाठ करने से भूत-प्रेत, बाधाएँ, रोग, भय, शनि दोष सब दूर हो जाते हैं।

  • Tulsidas ji ne लिखा है – “संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा”


🌸 हनुमान चालीसा: अर्थ और आध्यात्मिक महत्व – Hanuman Chalisa Meaning & Spiritual Importance

  • हर चौपाई में भक्ति, शक्ति, और ज्ञान का संदेश है।

  • यह हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है

  • Hanuman Chalisa का spiritual importance यह है कि यह मन को शांत और आत्मा को मजबूत करती है


 
🌺 हनुमान चालीसा के 10 शक्तिशाली फायदे – 10 Benefits of Hanuman Chalisa

  1. भय और संकट से मुक्ति।

  2. आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि।

  3. शत्रुओं पर विजय।

  4. Health बेहतर होता है।

  5. Negative energy से सुरक्षा।

  6. ग्रह दोष शांत होते हैं।

  7. धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति।

  8. मन में शांति और concentration बढ़ता है।

  9. आध्यात्मिक उन्नति।

  10. परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

    🌟 Hanuman Chalisa for Health

    Regular paath se health strong hoti hai, stress aur anxiety door hote hain aur मन को positive energy milti hai।


    🌸 कैसे हनुमान चालीसा आपकी ज़िंदगी बदल सकती है? – How Hanuman Chalisa can Change Your Life

  11. Sankat se mukti deta hai।

  12. Career aur family life mein positivity laata hai।

  13. Man ko ekagrata deta hai।

  14. Apko spiritual growth ki taraf le jata hai।

बुधवार, 24 सितंबर 2025

हनुमान जी की संपूर्ण जन्म कथा - Hanuman Janam katha

🕉️ हनुमान जी की संपूर्ण जन्म कथा – Hanuman Janam Katha

Hanuman Janam katha
 🌸 Introduction

Sanatan Dharma mein हनुमान जी (Bajrang Bali, Pawanputra, Mahaveer) ko सबसे बलवान aur Ram Bhakti ke प्रतीक devta maana jata hai।
उनका जीवन केवल शक्ति का नहीं, बल्कि भक्ति (Devotion), सेवा (Service) aur विनम्रता (Humility) ka भी उदाहरण hai।

इस blog mein हम विस्तार से जानेंगे –

  • हनुमान जी की जन्म कथा (Hanuman Janam Katha)

  • बचपन की बाल लीलाएँ और शक्तियाँ

  • रामायण में Hanuman ji ka yogdan

  • Hanuman ji ki gadaa ka naam kya hai

  • Hanuman ji ka janm kahan aur kab hua tha

  • Hanuman ji KalYug mein kahan hain


🌺 हनुमान जी का जन्म कहां और कब हुआ था? – Hanuman ji ka janm kahan aur kab hua tha

हनुमान जी की जन्म कथा (Hanuman Janam Katha) बहुत रोचक hai.
उनका जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा (Hanuman Jayanti) ko हुआ tha।

  • माता: अंजनादेवी (Anjana Devi)

  • पिता: केसरी (Kesari), जो Vanar Sena ke mahan Senapati the.

  • Pawanputra: उनके जन्म में Vayudev (Pawan Devta) ka विशेष योगदान tha, इसलिए वे पवनपुत्र हनुमान कहलाए।

Birthplace (Janm Sthal)

  • सबसे प्रसिद्ध मान्यता: Anjaneri Parvat (Nasik, Maharashtra)

  • दूसरी मान्यता: Kishkindha (Hampi, Karnataka)

👉 इसलिए jab लोग पूछते hain “हनुमान जी का जन्म कहां हुआ था – Hanuman ji ka janm kahan hua tha”, तो dono स्थान की परंपरा मिलती hai।


 🌟 हनुमान जी का बचपन और बाल लीलाएँ – Hanuman Bal Leela

Hanuman ji bachpan se ही अद्भुत शक्तियों ke मालिक the.

  • सूर्य को फल समझकर निगल लिया
    एक दिन बाल Hanuman ji ne उगते Surya dev ko लाल फल samajhकर निगल लिया tha. Tab Indra dev ne unhe Vajra se मारा, lekin Vayu dev ke roop se unhe praan mili aur sabhi devtaon ne unko असीम वरदान diye.

  • वरदान (Powers from Devtas):

    • Brahmadev → कोई अस्त्र-शस्त्र Hanuman ji ko हानि नहीं पहुंचा सकता।

    • Shiv ji → अद्भुत बल aur अजर-अमरत्व।

    • Vishnu ji → Bhagwan Vishnu ki bhakti aur shaurya।

    • Agni Dev → अग्नि unhe जला नहीं सकती।

    • Varun Dev → पानी unka कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

    • Yamraj → मृत्यु ka कोई भय नहीं।

👉 यही वजह hai ki Hanuman ji को “अष्टसिद्धि और नव निधि” prapt hain।


📖 हनुमान जन्म रामायण – Ramayan mein Hanuman ji ka Yogdan

Ramayan mein Hanuman ji ka yogdan सबसे महान hai।

  1. Ram se pehli mulaqat – जब Ram aur Lakshman Mata Sita ko खोजते हुए Kishkindha पहुंचे, तब Hanuman ji ने unse milkar unki seva shuru ki।

  2. Mata Sita ki khoj – Hanuman ji ने Lanka par jaakar Mata Sita ko Ram ka sandesh diya aur unke dukh door kiye।

  3. Lanka Dahan – जब Ravan ne Hanuman ji ki poonch ko aag lagवाई, तब unhone पूरी Lanka ko जला डाला।

  4. Sanjeevani Booti – जब Lakshman meghnad ke shakti se बेहोष हुए, Hanuman ji ne पूरा पर्वत उठा kar लाकर Lakshman ko बचाया।

  5. Ram Setu Nirman – Hanuman ji aur Vanar Sena ne समुद्र पर पत्थरों से Ram Setu banaya।

👉 isi liye Hanuman ji ko “Ram Bhakt Hanuman” कहा जाता hai।


⚔️ हनुमान जी की गदा का नाम – Hanuman ji ki gada ka naam kya hai

Hanuman ji ke haath mein jo गदा (Mace) hoti hai, uska नाम “Kaumodaki Gadaa” mana jata hai.
Yeh शक्ति, साहस aur veerta ka प्रतीक hai.

       👉👉Bajarangbali Lucky Idol👈👈


🕉️ हनुमान जी कलयुग में कहां हैं? – Hanuman ji KalYug mein kahan hai

Bhagwan Ram ne Hanuman ji ko वरदान दिया tha ki वे कलयुग tak जीवित रहेंगे

Isliye aaj bhi kaha जाता hai ki –

  • Jahan bhi Ram Naam liya jata hai, wahan Hanuman ji उपस्थित होते hain.

  • हर मंगलवार aur शनिवार ko bhakt Hanuman ji ki विशेष पूजा करते hain aur unka आशीर्वाद पाते hain।


📖 FAQs – Hanuman Ji ke baare mein prashn

1. हनुमान जी की माता कौन थी? – Hanuman ji ki maa kaun thi

Hanuman ji ki maa ka naam Mata Anjana tha.

2. हनुमान जी के पिता कौन थे? – Hanuman ji ke pita kaun the

Hanuman ji ke pita ka naam Kesari tha.

3. हनुमान जी को पवनपुत्र क्यों कहा जाता है?

क्योंकि उनके जन्म में Vayu Dev का yogdan tha।

4. Hanuman ji ka janm kab hua tha?

Chaitra Purnima (Hanuman Jayanti) ke din Treta Yug mein।

5. Hanuman ji ka doodh pilane wali kaun thi?

कथा के अनुसार, Hanuman ji ka poshan devtaon ki shaktiyon se हुआ tha।

6. हनुमान जी का प्रिय भोग क्या है?

Hanuman ji ko Boondi ke Ladoo aur Churma बहुत प्रिय hai।

🌿 Tulsi Mala Hanuman ko kyu pahnte hai?

Sanatan Dharma mein Tulsi Mala ko pavitra maana jata hai. Hanuman ji ko Tulsi mala pahnte hai kyunki Tulsi Devi ko Bhagwan Vishnu aur Shri Ram ki priyatama maana gaya hai. Hanuman ji ke liye Tulsi ka sambandh unki Ram Bhakti se जुड़ा hai.

  • Tulsi mala pehnane se Hanuman ji ki bhakti aur shakti dono prakat hoti hai.

  • माना जाता hai ki Tulsi mala Hanuman ji ke गले में Ram Naam ka प्रतीक hai.

  • Bhakton ka vishwas hai ki jo bhakt Hanuman ji ko Tulsi mala arpan karta hai, uske जीवन से dosh aur paap dur hote hain.

👉 Isi wajah se log search karte hain: “Tulsi mala Hanuman ko kyu pahnte hai”, aur iska उत्तर hai – यह उनकी Ram Bhakti, Shuddhata aur Pavitrata ka pratik hai।